#SatnamSakhi_NewBhajan__Satguru_BhagatPrakash_Maharaj
ॐ सतनाम साक्षी
थलु:- नाम में नामी का नित्य निवास है।
नाम ही नामी का घर ये खास है ।।
1. नाम जप जिसने हृदय से है किया ।
नाम के स्वामी को उसने पा लिया ।
जप बिना खाली न जिसका स्वास है ।।
2. जगत के नामों में नामी ना बसे ।
अन्न जल का नाम कितना भी रटे ।
नाम से मिटती न भूख न प्यास है ।।
3. जिसके अन्तर नाम की नित धुनि चले ।
तार हृदय की हृदय से जा मिले ।
सतगुरु का उसके दिल में वास है ।।
4. ईश गुरु के नाम में नामी रहें ।
सुन पुकारें प्रेम की प्रघट हुए ।
जिसके मन में प्रेम अरु विश्वास है ।।
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